मुख्यमंत्री समाजिक अंतर्जातीय समरसता योजना का उद्देश्य:
यह भारत सरकार / राज्य सरकार की 50:50 की साझा आधार योजना है। सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए, अंतर-जातीय विवाह को प्रोत्साहित किया गया है। इस योजना के तहत, पति / पत्नी दोनों भारत के नागरिक होने चाहिए और पति / पत्नी में से एक अनुसूचित जाति का होना चाहिए और उसे हरियाणा राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए। अंतर्जातीय विवाह करने के उपरांत राशि रु 1,01,000 विवाहित जोड़े को प्रोत्साहन के रूप में प्रदान किया जायेगा।
योजना का लाभ प्राप्त करने का तरीका।
इस योजना के अंतर्गत विवाहित जोड़े को विवाह के तुरंत बाद 51000 रुपए दंपत्ति के संयुक्त खाते में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के रूप में भेज दिया जाएगा। शेष राशि सहवास के एक साल बाद 50,000 दिए जाएंगे।योजना के लिए योग्यता:
दोनों पति-पत्नी भारत के नागरिक होने चाहिए और पति / पत्नी में से कोई एक अनुसूचित जाति का होना चाहिए।- वह हरियाणास्टेट का स्थायी निवासी होना चाहिए और उसने समान योजना के तहत कोई लाभ नहीं लिया हो।
- लाभ केवल पहली शादी के लिए एक बार दिया जाएगा।
- एक गैर-अनुसूचित जाति का लड़का जो अनुसूचित जाति की लड़कियों से शादी करता है और इसके विपरीत, संबंधित अनुसूचित जाति दुल्हन / दूल्हे को 51,000 / - रु। का नकद अनुदान विवाहित जोड़े के संयुक्त खाते में दिया जाएगा। लाभार्थी शादी की तारीख से एक वर्ष के भीतर प्रोत्साहन के लिए आवेदन कर सकता है।
आवेदन करने की प्रक्रिया:
इस योजना के लिए आनलाईन आवेदन करने की सुविधा नहीं दी गई है, आपको जिला कल्याण पदाधिकारी के यहां इस योजना के लिए आवेदन करना होगा। अप्लाई करने से पहले शादीशुदा जोड़े को अपनी मैरिज को रजिस्टर करवाना होगा। अगर कोई सिविल विवाह करता है तो उसे जिला मजिस्ट्रेट से प्रमाणपत्र हासिल करना होगा या फिर तहसील दार और एसडीएम से पंजीकृत प्रमाणपत्र लेना होगा।जो इस स्कीम के लिए आवेदन करेंगे उनके विवाह प्रमाणपत्र की जांच डिस्ट्रिक्ट वेलफेयर ऑफिसर द्वारा की जाएगी। सब कुछ सही पाए जाने पर ही District Welfare Officer इस स्कीम के तहत दी जाने वाली राशि को देने की मंजूरी देगा।
मंजूरी मिलने के बाद, जिला कल्याण अधिकारी राशि को युगल के जव्यान्ट खाते में जमा करवा देगा। ये राशि एफडी (Fixed Deposit) के रुप में जमा करवा दी जाएगी।